गुर्जर है तभी सुरक्षित है कश्मीर - Gurjar Culture

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Saturday, 21 October 2017

गुर्जर है तभी सुरक्षित है कश्मीर

जम्मू-कश्मीर के एक गांव में 700 आतंकवादियों को गुर्जरों ने मार कर कुत्तों को खिला दिया।।।
आतंकी हमेशा आमलोगों के मन में डर पैदा कर देते है और वे उनका सामना करने से डरते हैं लेकिन जम्मू कश्मीर के हिल काका इलाके के लोगों ने कुछ अलग ही किया है। उन्होंने डरने के बजाय आतंकियों का सामना किया और उन्हें मार गिराया। लाइव इंडिया हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार यहाँ के गाँव वालों ने आतंकियों के साथ एक महीने से ज्यादा समय तक अपनी लड़ाई लड़ी और उन्हें मार गिराया। यह गांव पहाड़ की चोटी पर है इसलिए इसमें आंतकी आसानी से घुसपैठ कर लेते थे। यहां तक कि यह गांव खूंखार आतंकी उमर मूसा का अड्डा बन गया था। यहाँ के लोगों में उनके लिए इतना गुस्सा था कि मूसा को मारने के बाद उन्होंने उसकी लाश को दफनाने की जगह कुत्तों के हावले कर दिया था।
यहाँ के लोगों ने बताया कि , 2003 में हिलकाका में आतंकियों की तूती बोलती थी। आतंकी गांव के लोगों को जिहादी बनाने के लिए जबरदस्ती करते थे, लालच देते थे। इस आंतक से निपटने के लिए गुज्जर समुदाय के लोगों ने आतंकियों के खिलाफ जम्मू पीस मिशन बनाया। गुज्जरों की इस पहल की वजह से आतंकियों ने गुज्जर हाजी मोहम्मद आरिफ को मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन आतंक के खिलाफ एकजुट हुए लोगों ने हार नहीं मानी। हाजी मोहम्मद की मौत के बाद उनकी जंग को उनके छोटे भाई ताहिर हुसैन ने भी जारी रखा। ताहिर ने बताया कि उस वक्त आतंकियों ने जिहादी बनने के लिए 52 लाख रुपए देने को लालच भी दिया। लेकिन हमने नहीं लिया, क्योंकि हम हिंदुस्तानी हैं।
उन्होंने बताया कि 26 जनवरी 2003 को आतंकियों के खिलाफ गांव वालों ने सेना के साथ मिलकर ऑपरेशन सर्प विनाश शुरू किया। इस ऑपरेशन की शुरुआत के बाद पता चला कि हिल काका पर 700 से ज्यादा आतंकी मौजूद हैं। इसके बाद सेना ने गांव खाली कराया। लोग एक महीने से ज्यादा जंगल में रहे। सेना हमारे लिए खाने का सामान हेलिकॉप्टर से पहुंचाती थी। यहां के गुज्जरों ने 2003 में ही 17 अप्रैल को आतंकियों पर हमला कर दिया। 27 मई तक उनसे लड़ते रहे और उन्हें यहां से उखाड़कर ही दम लिया।

- लोगों ने बताया कि हिलकाका में 2003 तक आतंकियों की तूती बाेलती थी। उन दिनों को याद कर आज भी हम सिहर जाते हैं।
- आतंकी यहां के लाेगों को जिहादी बनाने के लिए लालच देते तो कभी जबरदस्ती करते।
- यहां के गुज्जर कम्युनिटी के लोगों ने आतंकियों के खिलाफ जम्मू पीस मिशन बनाया।
- इसी के चलते आतंकियों ने गुज्जर हाजी माेहम्मद आरिफ को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन लोगों ने हार नहीं मानी।
- हाजी माेहम्मद की जंग को उनके छोटे भाई ताहिर हुसैन ने भी जारी रखा।
- ताहिर ने बताया कि तब आतंकियों ने 52 लाख रुपए देने को लालच भी दिया। लेकिन हमने नहीं लिया, क्योंकि हम हिंदुस्तानी हैं।

700 आतंकी का था अड्डा...
- ताहिर ने बताया कि 26 जनवरी 2003 को आतंकियों के खिलाफ गांव वालों ने सेना के साथ मिलकर ऑपरेशन सर्प विनाश शुरू किया।
- तब पता चला कि हिल काका पर 700 से ज्यादा आतंकी मौजूद हैं। सेना ने गांव खाली कराया।
- एक माह से ज्यादा हम लोग जंगल में रहे। सेना हेलिकाॅप्टर से खाना पहुंचाती थी।
- यहां के गुज्जरों ने 2003 में ही 17 अप्रैल को आतंकियों पर हमला कर दिया।
- 27 मई तक उनसे लड़ते रहे और उन्हें यहां से उखाड़कर ही दम लिया।

 'सर्प विनाश' से सुर्खियों में आया हिल काका
कुलाली के सरपंच गुर्जर अब्दुल मजीद के मुताबिक हिल काका रंजाटी हिल रेंज में आता है। 2003 में सेना ने ऑनरेशन सर्प विनाश चलाया जिसमें 60 से अधिक विदेशी और अफगानी आतंकवादियों को मार गिराया। सेना ने यहां तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क और हेलीपैड बनाया। प्राकृतिक गुफाओं में छिपे आतंकियों को मारने के लिए सेना को हेलिकॉप्टरों की मदद लेनी पड़ी थी। बड़ी तादाद में सेना एवं स्थानीय गुर्जर युवक भी अभियान में शहीद हुए। कुलाली में आवाम और जवान मेमोरियल बना है। 1999 मई और जुलाई 2002 में विदेशी आतंकवादियों ने गुर्जर परिवारों का सामूहिक कत्ल किया था। यह परिवार पहाड़ों पर भेड़-बकरियां चराने गए हुए थे। हिल काका में सेना ने कुछ आतंकियों को जिंदा भी पकड़ा था। आज यह इलाका स्थानीय गुर्जर के सहयोग की वजह से आतंकवाद मुक्त है।

इसी गांव के जावेद अहमद कहते हैं कि वह अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं। वह कहते हैं कि यहां छोटी-छोटी जरूरतें भी बड़ी मुसीबत बन जाती हैं। वह दसवीं तक पढ़े हैं। कुछ ऐसा ही हाल 12वीं के एग्जान दे रहे स्टूडेंट लियाकत की भी है। अचानक से यह गांव चर्चा में इसलिए आया है क्योंकि आतंकियों के ठिकानों को बर्बाद कर देने वाले हिल काका के गांव वाले सड़क और बेसिक फैसिलिटीज की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली तक कई बार गुहार लगाने वाले इन लोगों को अपने बच्चों के भविष्य के लिए अब परिवहन मंत्री नितीन गडकरी से उम्मीद है। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे भी खूब पढ़ें और देश की रक्षा के लिए सेना के साथ कदम से कदम मिलाएं। लेकिन इसके लिए पहले सड़क बन जाए।


source of News :
1. http://www.bhaskar.com/news/MH-MUM-OMC-hill-kaka-terror-area-5276994-PHO.html
2. http://www.milligazette.com/Archives/2005/01-15June05-Print-Edition/011506200545.htm
3. http://www.bhaskar.com/news/JK-JAM-hill-kaka-improving-now-4962621-NOR.html
4. https://www.facebook.com/ApniArmy/posts/533565613477723:0







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